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Monday, June 15, 2020

What is a leaser printer (लेजर-प्रिंटर) लेजर प्रिंटर क्या है

लेजर प्रिंटर क्या है !


Laser Printer Kya Hai (लेजर प्रिंटर क्या है !)

Laser Printer के बारे में तो शायद आप सभी जानते होंगे Laser Printer का इस्तेमाल Text डाक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए किया जाता है 
जिसे हम फोटो Copy की मशीन भी कह सकते है। Laser Printer में अक्षर साफ़ और स्पष्ट दिखाई देती है। 
Laser Printer मिरर पर एक Laser बीम Direct करके पेपर पर एक Image को Produce करता है 
जो की बीम को ड्रम पर Bounce करती है ड्रम पर एक विशेष कोटिंग होती है जिसमें टोनर (Ink Powder) चिपक जाती है।
Laser Printer बफर का उपयोग करते है जो एक समय में संपूर्ण Page को Store करते है जब एक Page पूरा Load हो जाता है 
तब इसे Print किया जाता है। घर के इस्तेमाल के लिए एक Laser Printer 8 Pages प्रति Minute की दर से Print कर सकते है 
जबकि एक High स्पीड Printer लगभग 437 Page Per Minute की दर से Print कर सकते है यदि प्रत्येक Page में 48 लाइन हो।

introduction :- किसी भी Page या Photo की Copy या Print को निकालने के लिए Printer का Use किया है। 
Market में फ़िलहाल कई तरह के Printers मौजूद है लेकिन उनमें से सबसे खास Inkjet और Laser प्रिंटर ही है 
इन दोनों Printer की अपनी अलग-अलग ख़ासियत है। वहीं इनमें मौजूद कुछ Features इन्हें एक दूसरे से अलग बनाते है। 
Printers को खरीदते समय आप कई बार उलझन में पड़ जाते है की कौन सा Printer आपके लिए अच्छा है।

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लेजर प्रिंटर कैसे काम करता है
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जब हम इमेज या फिर कोई टेक्स्ट प्रिन्ट करते हैं तब कंप्यूटर लेजर प्रिंटर को इलेक्ट्रॉनिक डाटा की एक बड़ी सी स्ट्रीम भेजता है। 
प्रिंटर में जो इलेक्ट्रोनिक सर्किट है वह इस बात का पता लगाता है कि इस डाटा का क्या मतलब है और वह पेज पर किस तरह से दिखाई देगा। 
प्रिंटर में अंदर की तरफ जो ड्रम लगा होता है। लेजर बीम उस पर टकराती है और वापस आती है। 
इससे स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी का एक पैटर्न बन जाता है। स्टेटिक इलेक्ट्रिसिटी पेज पर पाउडर इंक को आकर्षित करती है 
यह पाउडर इंक टोनर कहलाती है और फोटोकॉपी के समान ही पेपर पर टोनर की छाप बन जाती है।



1. प्रिंटर में सबसे पहले कम्प्यूटर से कई सारे करेक्टर आते हैं।
2. प्रिंटर में जो इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होता है उससे यह पता लगता है कि किस तरफ से प्रिंट किया जाएगा। जिससे सही तरीके से पेज पर प्रिंट हो सके।
3. इलेक्ट्रॉनिक सर्किट कोरोना वायर (corona wire) को एक्टिवेट कर देता है। यह एक बहुत ज्यादा वोल्टेज का वायर होता है। जो अपने पास के कणों को स्टेटिक इलेक्ट्रिक चार्ज कर देता है।
4. कोरोना वायर फोटोरिसेप्टर (photo-receptor) ड्रम को चार्ज कर देता है। जिससे ड्रम पर एक पॉजिटिव चार्ज फैल जाता है।
5.उसी समय सर्किट लेजर को एक्टिवेट कर देता है। जिससे ड्रम पर पेज की इमेज चित्रित हो जाती है। वास्तव में लेज़र बीम इधर उधर नहीं जाती है। 
यह एक खिसकने वाले कांच (mirror) के ऊपर डाली जाती है। और यह इसे ड्रम के ऊपर डाल देती है। 
ड्रम के जिस भाग पर लेजर बीम डाली जाती है वहां पर पॉजिटिव चार्ज खत्म हो जाता है और निगेटिव चार्ज उत्पन्न हो जाता है।
6. इंक रोलर फोटोरिसेप्टर (photo-receptor) ड्रम के सम्पर्क में आते हैं। इस ड्रम के चारों ओर इंक पाउडर के छोटे-छोटे कण होते हैं। 
इसे टोनर भी कहा जाता है। टोनर को पॉजिटिव इलेक्ट्रिकल चार्ज दिया जाता है। जिससे कि यह फोटोरिसेप्टर ड्रम से चिपक जाता है। 
ड्रम का वह भाग जिसमें पॉजिटिव चार्ज होता है। वहां पर कोई भी इंक आकर्षित नहीं होती है। इस प्रकार ड्रम के ऊपर एक इमेज बन जाती है।
7.प्रिंटर की दूसरी तरफ से एक होपर (hopper) की सहायता से ड्रम की ओर पेपर डाला जाता है। 
एक दूसरे कोरोना वायर के द्वारा पेपर को स्ट्रांग पॉजिटिव इलेक्ट्रिकल चार्ज दिया जाता है।
8.जब पेपर ड्रम के पास आता है। इसका पॉजिटिव चार्ज टोनर के निगेटिव चार्ज को आकर्षित करता है। और ड्रम से अलग हो जाता है। 
इस प्रकार इमेज ड्रम से पेपर पर आ जाती है और टोनर के पार्टिकल पेपर की सतह पर आ जाते हैं।
9. यह पेपर दो गर्म रोलर के बीच में से गुजारा जाता है। रोलर की गर्मी और दबाव के कारण टोनर के पार्टिकल्स पूरी तरीके से पेपर पर उतर जाते हैं।
10. इस प्रकार से एक प्रिंटआउट प्राप्त हो जाता है।

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लेजर प्रिंटर की विशेषता

  • उच्च रेसोलुशन 
  • उच्च प्रिंट गति 
  • बड़ी मात्रा में छपाई का लिया उपयुक्त 
  • कम कीमत प्रति प्रस्ट छपाई 
 
लेज़र प्रिंटर की कमिया 

  • इंकजेट प्रिंटर  से अधिक महगे
  • ट्रोनार तथा ड्रम का बदलना महगा  
  • इंकजेट प्रिंटर से महगा तथा भारी
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