What is C# programming in Hindi
What is C# in Hindi :-
हेलो दोस्तों मेरा नाम राज कोष्टा है आवर में कंप्यूटर से रिलेटेड जानकारी हिंदी में देता हूँ, आज में आपको c# sharp प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या होती है, उसके बारे में बताऊंगा तो let get started !
Introduction of C# :- C# एक बहुत ही सिंपल और पावरफुल लैंग्वेज है। C# को C-sharp भी कहा जाता है, C# एक मॉर्डन ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है। इसे माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी के द्वारा सन 1990 में डेवेलोप किया गया था, C# को Anders Hejlsberg ने डेवेलोप की थी। C# को डॉट नेट फ्रेमवर्क में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए बनाया गया था, "C# C ,C++ और java ये आपस में एक दूसरे से रिलेटेड है"। C# के almost सभी feature इन तीनो लैंग्वेज से ही लिए गए है, लेकिन कुछ ऐसे advance feature भी जो सिर्फ C# में ही available है। जैसे-की mixed language programming, यह एक ऐसा फीचर है जिसके द्वारा आप अलग-अलग programming language के codes को connect कर सकते है, और एक साथ एक्सक्यूटे भी कर सकते है। इस फीचर के द्वारा आप अपना आधा सॉफ्टवेयर किसी और लैंग्वेज में और आधा किसी दूसरी लैंग्वेज में क्रिएट कर सकते है। डॉट नेट सॉफ्टवेयर बनाने और एक्सक्यूटे करने के लिए एक एनवायरनमेंट है, इसमें आप अलग-अलग कंप्यूटर लैंग्वेज को एक साथ यूज़ करते हुए सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कर सकते है डॉट नेट फ्रेमवर्क के 2 important component होते है पहला CLR (Common Language Run-time)
होता है। जैसे की मैंने पहले बताया यह आपके प्रोग्राम के एक्सक्यूशन (Execution) को मैनेज करने के लिए responsible होता है। दूसरा इम्पोर्टेन्ट कॉम्पोनेन्ट डॉट नेट क्लास लाइब्रेरी होती है,इस लाइब्रेरी में कुछ predefined क्लासेज और इंटरफेसेस होते है। इन क्लासेज का इस्तेमाल करते हुए आप ज्यादा मेहनत किए बिना अच्छे सॉफ्टवेयर डेवेलोप कर सकते है, जैसे-ग्राफ़िक्स क्रिएट करने के लिए आपको हर कॉम्पोनेन्ट खुद क्रिएट करने की आवश्यक नहीं है। आप पहले से क्रिएट किये हुए कॉम्पोनेन्ट को एक्सेस करके यूज़ कर सकते है।
C# विंडोज के लिए fully integrated है,यदि आप java में कोई भी सॉफ्टवेयर डेवेलोप करते है। तो उसे विंडोज पर एक्सेक्यूटे करने के लिए आपको JVM install करना होता है। लेकिन C# के साथ ऐसा नहीं होता है, C# में बने सॉफ्टवेयर को एक्सेक्यूटे करने के लिए आपको किसी भी दूसरे सॉफ्टवेयर की आवश्यकता नहीं होती है।
यदि आप C ,C++ और java में से किसी भी लैंग्वेज में प्रोग्रामिंग की हुयी है, तो C# में आप आसानी से डेवेलोप कर सकते है। यदि अपने java में प्रोग्रामिंग की हुयी है, तो आपको C# के साथ काम करने में कोई भी दिक्कत नहीं होगी। क्योकि java और C# में बहुत अधिक समानता है।
C# में प्रोग्राम बनाने से पहले कुछ महत्वपूर्ण term जिसे जानना जरुरी होता है।
MSIL(Microsoft Intermediate Language :- जब भी आप C# प्रोग्राम को compile करते है, तो वह सीधे मशीन कोड में नहीं जेनेरेट हो जाता है। बल्कि वह एक pseudo code generate होता है,जिसे MSIL कहते है। यह java के byte कोड की तरह ही होता है, जिसे बाद में convert करके machine code generate किया जाता है।
CLR(Common Language Run-time) :- CLR के द्वारा ही MSIL machine code में convert किया जाता है। यह java में JVM की तरह होता है, ऐसा कोई भी प्रोग्राम हो जो MSIL में कन्वर्ट किया गया है। उसे CLR के साथ मशीन कोड में कन्वर्ट किया जा सकता है,CLR आपके प्रोग्राम में एक्सेक्यूशन को मैनेज करता है।
JIT(Just In Time) compiler :- JIT compiler के द्वारा ही MSIL को मशीन एक्सेक्यूटेबल कोड में कन्वर्ट किया जाता है। जब भी आप C# प्रोग्राम को एक्सेक्यूटे करते है,तो CLR के द्वारा JIT को एक्टिवेट किया जाता है। इसके बाद JIT,MSIL को मशीन एक्सेक्यूटेबल कोड में कन्वर्ट करता है।
CLS(Common Language Specification) :- डॉट नेट फ्रेमवर्क में अलग-अलग लैंग्वेज को एक साथ काम करने के लिए कुछ कॉमन रूल फॉलो करने पड़ते है। ये रूल CLS के द्वारा define किये जाते है, लेकिन ये तब ही पॉसिबल है। जब सभी लैंग्वेज डॉट नेट कम्पेटिबल हो। यदि आप ऐसा प्रोग्राम बनाना चाहते है जो दूसरी लैंग्वेज यूज़ कर सके तो आपका प्रोग्राम CLS कम्पेटिबल होना चाहिए।
Object Oriented Principles :- C# एक object oriented programming है,एक ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग में सब कुछ ऑब्जेक्ट होता है। C# कुछ ऑब्जेक्ट ओरिएंटेड प्रिंसिपल्स को फॉलो करती है,जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
Encapsulation :- एन्काप्सुलेशन का मतलब होता है,डाटा हिंडिंग,इसके माध्यम से डाटा और कोड को bind किया जाता है। C# में एन्काप्सुलेशन एक्सेस स्पेसिफिएर्स के द्वारा इम्प्लीमेंट किया जाता है, C# में 3 एक्सेस स्पेसिफिएर होते है
1. Public :- पब्लिक डाटा को सभी दूसरे ऑब्जेक्ट एक्सेस कर सकते है।
2. Private :- प्राइवेट डाटा को दूसरे ऑब्जेक्ट एक्सेस नहीं कर सकते है।
3. Protected :- प्रोटेक्टेड डाटा को इन्हेरिटेंस क्लास के ऑब्जेक्ट एक्सेस कर सकते है।
Inheritance :- इनहेरिटेंस एक ऐसा फीचर है,जिसके माध्यम से एक ऑब्जेक्ट दूसरे ऑब्जेक्ट के मेंबर्स को एक्सेस कर सकते है। इससे आप एक ही कोड को बार-बार लिखने की प्रॉब्लम से बच जाते है।
Polymorphism :- polymorphism एक ऐसा फीचर है,जिसके माध्यम से आप एक ही नाम यूज़ करते हुए अलग-अलग टास्क्स परफॉर्म कर सकते है। इससे आप अलग-अलग नाम ढूढ़ने और उनको याद रखने की प्रॉब्लम से आप बच सकते है।
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